Sunday, October 22, 2017

हमारी प्रक्रियाएं नीरस है, गणित नहीं

हमारी प्रक्रियाएं नीरस है , गणित नहीं!


अक्सर लोग यह कहते हुए मिल जाएंगे की गणित बहुत ही नीरस या गंभीर विषय है. यह  पूरी तरह से उनका पूर्वाग्रह ही है .वास्तव में कोई विषय नीरस या गंभीर नहीं होता बल्कि हमारा रवैया उस विषय को आसान या गंभीर बना देता है . हमारे समाज में गणित के बारे में तमाम ऐसी पूर्वाग्रह ग्रस्त धारणाएँ प्रचलित है- जैसे गणित सबके बस की बात नहीं , मुझे नही आता तो तुम्हे क्या खाक आएगा ,गणित बहुत मेहनत का विषय है, बिना पीटे गणित नही आ सकता आदि .ऐसी ही धारणाओ ने गणित का हौआ बनाया .जबकि स्थिति इसके ठीक विपरीत है. गणित का हम सभी के जीवन से गहरा जुडाव है. हम सोते जागते संख्याओ, आकड़ो से खेलते रहते है. हर पल, हर घडी गणित के संपर्क में रहते है फिर निरसता कैसे?
गणित तब अरुचिकर हो जाता है जब उसे जीवन में होने वाले क्रियाकलापों से बिलकुल अलग कर दिया जाता है. नीरस तरीकों से अंकों और अवधारणाओ को रटवाना प्रारंभ कर दिया जाता है. ठोस वस्तुओं को प्रतीकों के रूप में शामिल करने की बजाय अमूर्त प्रतीकों में उलझा दिया जाता है.केवल परीक्षा में अधिक अंक लाने का शिक्षणशास्त्र शिक्षार्थियों को गणित से दूर करता जा रहा है. 
राहुल पटेल

Monday, February 13, 2017