स्वाधीन कलम
Monday, August 4, 2008
कहा कोई मिला जिसपर दुनिया लुटा देते
हर एक ने दिया धोखा किस किस को भुला देते
अपने दिल का दर्द दिल में दबाये रखा
जो करते बयां तो महफ़िल को रुला देते ।
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